Shrikant Sharma

Shrikant Sharma

श्री कांत वर्मा ने यूँ तो पत्रकारिता की जीवन यात्रा 'नवभारत टाइम्स' से ही शुरू की थी, लेकिन पत्रकारिता में उनका पहला ठोस कदम टाइम्स ग्रुप की साहित्यिक पत्रिका 'सारिका' से पड़ा था । तब से अब तक उन्हें 'नवभारत टाइम्स' ने पिछले लगभग ३५ सालो के अनुभव से सरोबार कर दिया है। आम आदमी के जीवन से जुडी इनकी लिखी लम्बी कहानी 'रत का रघुआ' और देश की राजधानी दिल्ली के पर्यावरण पर इनकी सम्पादित रिपोर्ट 'काली धूप' काफी चर्चित है . श्री कांत शर्मा ने पर्यावरण और आधुनिक संचार तकनीक जैसे विषयों पर रेडियो फीचर, समाचार चर्चा, समसायिक विषयो पर लेखन और वृता चित्रों के अतिरिक्त 'दूरदर्शन पर यह दिल्ली है ।", 'पहल' और 'दृष्टि' जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से आम आदमी की समस्याओं को उठाते हुए समाज में जागरूकता लाने में योगदान दिया है । लेखक ने पत्रकारिता के अतिरिक्त केंद्रीय सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की हिंदी सलाहकार समितियों, लोकसभा की पत्रकार दीर्घो की सलाहकार समिति और दूरभाष की सलाहकार समितियों के सदस्य रहकर भी जनसमस्याओं को नजदीक से आंका है ।

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